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आंवला, जिसे अंग्रेज़ी में Amla या Indian gooseberry कहते हैं, भारत में सदियों से औषधीय और पोषण संबंधी उपयोगों के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे एक बहुमूल्य फल माना गया है, कई प्राचीन ग्रंथों में आंवले को ‘अमृतफल’ जैसा दर्ज किया गया है।
यह फल विटामिन C, विटामिन A के प्रीयव-घटक, मिनरल्स और विभिन्न प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत है। इसका स्वाद तिखा-खट्टा होता है, पर इसके नियमित सेवन से शारीरिक स्वास्थ्य, त्वचा, बाल और पाचन तंत्र पर दीर्घकालिक लाभ देखे गए हैं।
आंवला विटामिन C का समृद्ध स्रोत है, यही फल को इम्यून-बूस्टिंग गुण देता है। विटामिन C शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की कार्यक्षमता में मदद करता है और एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री-रैडिकल्स के कारण सेल डैमेज को कम करने में सहायक होते हैं।
नियमित सेवन से सर्दी, जुकाम और हल्के संक्रमणों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है। साथ ही, आंवले के तत्व सूजन-रोधी गुण भी प्रदर्शित करते हैं, जो इम्यून सिस्टम को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
कौन से रूप उपयोग करें: कच्चा आंवला, आंवला जूस (नियमित रूप से), आंवला पाउडर और आंवला मुरब्बा, सब उपयोगी रूप हैं।
आंवला पारंपरिक रूप से पाचन को बेहतर करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है। यह पाचक रसों के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे भोजन बेहतर तरीके से टूटता और अवशोषित होता है।
कब्ज़, गैस और पेट में भारीपन जैसी समस्याओं में आंवला उपयोगी माना जाता है। सूखा आंवला या आंवला पाउडर पेट की सफाई को बढ़ाने में मदद कर सकता है और सूजन-रहित पाचन को प्रोमोट करता है।
सामग्री: 1 छोटा कच्चा आंवला (बीज हटाकर), 1 सेव (apple), आधा कप दही/बदाम दूध, 1 चम्मच शहद, थोड़ा सौंफ पाउडर।
विधि: सभी चीजें ब्लेंड कर लें और सुबह में खा सकते हैं।
आंवला विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होने के कारण बालों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह बालों की जड़ों (hair follicles) को पोषण देता है, बालों के टूटने और झड़ने को कम करता है और समय से पहले सफेद होने से रोकने में मदद कर सकता है।
लोग पारंपरिक रूप से आंवला तेल या पाउडर को बालों पर लगाने का उपाय करते हैं ताकि बाल घने और चमकदार बनें।
आंवला पाउडर + नारियल तेल + दही मिलाकर पेस्ट बनाएं। गीले बालों पर लगाकर 45–60 मिनट रखें और फिर शैम्पू से धो लें।
आंवला में उच्च मात्रा में विटामिन C होने के कारण यह कोलेजन निर्माण में सहायक है , कोलेजन त्वचा की लोच बनाए रखने में मदद करता है।
नियमित सेवन से त्वचा अधिक चमकदार और टाइट दिख सकती है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुहांसों और सूजन को कम करने में भी सहायक होते हैं।
आंवला पाउडर + शहद + गुलाब जल मिलाकर फेस पैक बनाएं। 15–20 मिनट के बाद धो लें , सप्ताह में 1–2 बार।
कई परम्परागत और आधुनिक अध्ययनों में पता चला है कि आंवला रक्त शर्करा (blood glucose) पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह खाने के बाद ब्लड शुगर के उछाल को नियंत्रित करने में मदद करते तत्व रखता है।
डायबिटीज़ मरीजों के लिए, आंवला को अपनी डाइट में शामिल करना एक सहायक उपाय हो सकता है , पर किसी भी दवा-रूटीन में परिवर्तन से पहले डॉक्टर से सलाह आवश्यक है।
आंवले में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स की उपस्थिति आंखों की रक्षा कर सकती है। नियमित सेवन से आंखों की थकान और सूजन कम हो सकती है और उम्र के साथ आने वाले नेत्र रोगों का जोखिम घटाने में मदद मिल सकती है।
आंवला और गाजर का मिश्रित जूस आयुष्रिया दृष्टि-संवर्धन के लिए पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता रहा है।
आंवला लिवर को डिटॉक्स करने में सहायक माना जाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करते हैं और लिवर की कार्यक्षमता बनाए रखने में योगदान देते हैं।
डिटॉक्स-पानी में आंवला, नींबू और हल्दी का उपयोग पारंपरिक उपायों में शामिल है।
आम तौर पर:
सावधानियाँ: गर्भावस्था, स्तनपान, किसी भी दवा (जैसे ब्लड-थिनर्स, डायबिटिक मेडिकेशन) के साथ पारस्परिक प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट करें। कुछ लोगों में आंवला खट्टा होने के कारण पेट में जलन हो सकती है।
आंवला कई रूपों में मिलता है , कच्चा, सूखा, पाउडर, जूस, मुरब्बा, अचार और तेल। हर रूप के अपने फायदे हैं:
सामग्री: 1–2 छोटे आंवले, 200 मि.लि. पानी, 1 चम्मच शहद (ऐच्छिक)।
विधि: आंवला काटकर ब्लेंड करें, छानें और पानी व शहद मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
व्यापारी नुस्खों की तरह परिवारिक तरीके से भी बनाया जा सकता है; पर शुगर वाले विकल्प होते हैं। सीमित मात्रा में सेवन करें।
सूखा आंवला पाउडर + नारियल/तिल का तेल गर्म करके 10–15 मिनट धीमी आँच पर रखें, ठंडा करके फिल्टर करें। सप्ताह में 1 बार मसाज करें।
A: सामान्य रूप से हाँ, छोटी मात्रा में रोज़ाना आंवला लेना सुरक्षित माना जाता है। परंतु यदि आपकी कोई विशेष दिक्कत, अल्सर या दवाइयाँ हैं तो डॉक्टर से पूछें।
A: सुबह खाली पेट आंवला या diluted जूस लेना अधिक लाभदायक माना जाता है, क्योंकि इससे पोषक तत्व बेहतर रूप से अवशोषित होते हैं।
A: आंवला शुगर नियंत्रक गुण रखता है, पर दवाओं के साथ इंटरैक्शन की संभावना रहती है, इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट ज़रूरी है।
A: छोटे बच्चों को छोटी मात्रा में पाउडर या पकाया गया/मुरब्बा दिया जा सकता है; पर बच्चे के पाचन और संवेदनशीलता के अनुसार सावधानी बरतें।
A: अत्यधिक मात्रा कुछ लोगों में पेट में जलन, एसिडिटी या दस्त करवा सकती है। हमेशा संतुलित मात्रा रखें।
आंवला एक बहुआयामी, पोषक तत्वों से भरपूर फल है जो इम्यूनिटी, पाचन, बाल, त्वचा, आंखों और लिवर, कई अंगों के लिए लाभकारी है। इसे अपने आहार में छोटे-छोटे रूपों में शामिल कर के आप दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
प्रयास करें कि आंवला का सेवन प्राकृतिक और संतुलित रूप में हो , और किसी भी चिकित्सीय स्थिति में पेशेवर सलाह लेना न भूलें।