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भारतीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी एक महान नाम है। इसके अलावा, उन्हें कैप्टन कूल के नाम से जाना जाता है। साथ ही, उनका शांत स्वभाव सबको प्रभावित करता है। हालांकि, मैदान पर वे बेहद तेज फैसले लेते हैं। फिर भी, उनके चेहरे पर कभी घबराहट नहीं दिखती।
इसके अतिरिक्त, धोनी की कहानी रांची के छोटे शहर से शुरू होती है। वास्तव में, वे एक साधारण परिवार से आते हैं। लेकिन आज, वे भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान हैं। इसलिए, उनकी जीवनी हर युवा के लिए प्रेरणा है।
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| पूरा नाम | महेंद्र सिंह धोनी |
| उपनाम | माही, कैप्टन कूल, थाला, MSD |
| जन्म तिथि | 7 जुलाई 1981 |
| जन्म स्थान | रांची, झारखंड (तब बिहार), भारत |
| उम्र | 44 वर्ष (दिसंबर 2025 तक) |
| ऊंचाई | 5 फीट 9 इंच (175 सेमी) |
| बल्लेबाजी शैली | दाएं हाथ के बल्लेबाज |
| भूमिका | विकेटकीपर बल्लेबाज |
| पिता का नाम | पान सिंह धोनी |
| माता का नाम | देवकी देवी |
| भाई-बहन | नरेंद्र सिंह धोनी (भाई), जयंती गुप्ता (बहन) |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पत्नी का नाम | साक्षी सिंह धोनी |
| संतान | जीवा धोनी (बेटी) |
| धर्म | हिंदू धर्म |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| घरेलू टीम | झारखंड |
| आईपीएल टीम | चेन्नई सुपर किंग्स (2008 से) |
| आईपीएल कप्तान | चेन्नई सुपर किंग्स (2008-2025) |
| अंतरराष्ट्रीय शुरुआत | वनडे – 23 दिसंबर 2004, टेस्ट – 2 दिसंबर 2005, टी20 – 1 दिसंबर 2006 |
| अंतरराष्ट्रीय संन्यास | टेस्ट – 30 दिसंबर 2014, वनडे/टी20 – 15 अगस्त 2020 |
| भारतीय टीम कप्तान | 2007-2017 (सीमित ओवर), 2008-2014 (टेस्ट) |
| प्रमुख उपलब्धि | 2007 टी20 विश्व कप, 2011 वनडे विश्व कप, 2013 चैंपियंस ट्रॉफी विजेता कप्तान |
| विशेष रिकॉर्ड | एकमात्र कप्तान जिसने तीनों ICC ट्रॉफी जीती |
| जर्सी नंबर | 7 |
| निवास स्थान | रांची, झारखंड / चेन्नई, तमिलनाडु |

महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ। हालांकि, उस समय रांची बिहार का हिस्सा था। दरअसल, 2000 में झारखंड अलग राज्य बना। इसके बाद, रांची झारखंड की राजधानी बनी।
इसके अलावा, धोनी के पिता पान सिंह MECON में छोटे प्रबंधक थे। साथ ही, उनकी माँ देवकी देवी गृहिणी थीं। वास्तव में, धोनी का परिवार मध्यम वर्ग का था। हालांकि, घर में प्यार और अनुशासन दोनों थे। फिर भी, पैसों की कमी कभी-कभी महसूस होती थी।
इसके अतिरिक्त, धोनी के बड़े भाई नरेंद्र और बहन जयंती हैं। दरअसल, धोनी सबसे छोटे हैं। हालांकि, बचपन से ही वे बहुत जिद्दी थे। फिर भी, परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया। इसलिए, धोनी आज भी अपने परिवार को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं।
शुरुआत में, धोनी फुटबॉल खेलते थे। दरअसल, वे गोलकीपर की स्थिति पर खेलते थे। हालांकि, विद्यालय के प्रशिक्षक केशव बनर्जी ने उनकी क्रिकेट प्रतिभा देखी। इसके बाद, उन्होंने धोनी को विकेटकीपर बनने की सलाह दी।
वास्तव में, यहीं से धोनी का क्रिकेट सफर शुरू हुआ। इसके अलावा, उन्होंने जवाहर विद्या मंदिर विद्यालय में पढ़ाई की। साथ ही, विद्यालय की क्रिकेट टीम में भी खेले। हालांकि, शुरुआत में सिर्फ विकेटकीपिंग करते थे। फिर भी, धीरे-धीरे उनकी बल्लेबाजी भी सुधरने लगी।
इसके अतिरिक्त, धोनी कमांडो क्रिकेट क्लब के लिए खेले। दरअसल, यहीं उनका असली प्रशिक्षण हुआ। हालांकि, मैदान की हालत अच्छी नहीं थी। फिर भी, धोनी ने मेहनत जारी रखी। इसलिए, उनका खेल बेहतर होता गया।

विद्यालय के बाद, धोनी को अच्छी नौकरी नहीं मिली। दरअसल, उनकी शिक्षा सीमित थी। हालांकि, 2001 में उन्हें रेलवे में यात्रा टिकट परीक्षक की नौकरी मिली। इसके बाद, वे खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात थे।
वास्तव में, यह समय धोनी के लिए बहुत मुश्किल था। इसके अलावा, दिन में नौकरी और शाम को क्रिकेट अभ्यास। साथ ही, वे रात की ट्रेनों में कर्तव्य करते थे। हालांकि, धोनी ने कभी हार नहीं मानी। फिर भी, उनका सपना भारत के लिए खेलना था।
इसके अतिरिक्त, रेलवे टीम के लिए भी खेलते थे। दरअसल, यहां उन्हें अच्छा अनुभव मिला। हालांकि, अभी भी राष्ट्रीय टीम दूर लग रही थी। फिर भी, धोनी ने मेहनत जारी रखी। इसलिए, जल्द ही उन्हें बड़ा मौका मिला।
2003-04 सत्र में धोनी बिहार (अब झारखंड) की टीम में चुने गए। हालांकि, शुरुआत साधारण रही। दरअसल, उन्हें निचले क्रम में बल्लेबाजी करनी पड़ती थी। इसके बाद, 2004-05 में उन्हें शुरुआती बल्लेबाजी का मौका मिला।
वास्तव में, यहीं से धोनी की असली यात्रा शुरू हुई। इसके अलावा, बंगाल के खिलाफ उन्होंने 128 रन बनाए। साथ ही, असम के खिलाफ 183 रनों की घातक पारी खेली। हालांकि, यह पारी सिर्फ 10 चौकों और 15 छक्कों के साथ थी। फिर भी, सबको उनकी ताकतवर बल्लेबाजी दिखी।
इसके अतिरिक्त, इस प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। दरअसल, भारत को आक्रामक विकेटकीपर-बल्लेबाज की जरूरत थी। हालांकि, कई विकल्प थे। फिर भी, धोनी को मौका मिला। इसलिए, दिसंबर 2004 में उनका वनडे पदार्पण हुआ।

23 दिसंबर 2004 को धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे पदार्पण किया। हालांकि, पहले मैच में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला। दरअसल, भारत ने जल्दी मैच जीत लिया। इसके बाद, अगले मैच में भी रन आउट हो गए।
वास्तव में, शुरुआत निराशाजनक थी। इसके अलावा, आलोचकों ने सवाल उठाने शुरू किए। साथ ही, कई लोग सोच रहे थे कि चयन गलत था। हालांकि, पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला में सब बदल गया। फिर भी, धोनी को एक और मौका मिला।
इसके अतिरिक्त, 5 अप्रैल 2005 को विशाखापट्टनम में इतिहास बना। दरअसल, पाकिस्तान के खिलाफ धोनी ने 123 गेंदों पर 148 रन बनाए। हालांकि, यह पारी शानदार थी। फिर भी, धोनी बहुत शांत रहे। इसलिए, उन्हें कैप्टन कूल कहा जाने लगा।
शुरुआत में, धोनी के बाल बहुत लंबे थे। दरअसल, यह उनकी पहचान बन गई थी। इसके अलावा, प्रशंसक उनके बाल कटवाने की शैली को पसंद करते थे। साथ ही, धोनी भी इस रूप से सहज थे। हालांकि, 2010 के बाद उन्होंने गंजा रूप अपनाया।
वास्तव में, इस बदलाव के पीछे कई सिद्धांत हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ लोग कहते हैं कि हेलमेट के नीचे असुविधा थी। साथ ही, कुछ का मानना है कि धोनी ने परिपक्व रूप चाहा। हालांकि, असली कारण धोनी ने कभी नहीं बताया। फिर भी, यह रूप भी प्रतिष्ठित बन गया।
धोनी की सबसे मशहूर चीज उनका हेलीकॉप्टर शॉट है। दरअसल, यह शॉट बहुत अनोखा और शक्तिशाली है। इसके अलावा, यॉर्कर लंबाई की गेंदों को भी छक्के में बदल देता है। साथ ही, इस शॉट में कलाई का बहुत इस्तेमाल होता है।
वास्तव में, धोनी ने यह शॉट अपने मित्र संतोष लाल से सीखा। इसके बाद, उन्होंने अभ्यास में इसे सिद्ध किया। हालांकि, शुरुआत में प्रशिक्षकों ने मना किया। फिर भी, धोनी ने इसे खेलना जारी रखा। इसलिए, आज यह शॉट उनका विशेष हस्ताक्षर है।
इसके अतिरिक्त, कई बार इसी शॉट से मैच जीते। दरअसल, अंतिम ओवरों में यह बहुत प्रभावी है। हालांकि, समय सही होना चाहिए। फिर भी, धोनी हमेशा सही समय पर खेलते थे। इसलिए, गेंदबाजों को यह शॉट से डर लगता था।

सितंबर 2007 में धोनी को टी20 टीम का कप्तान बनाया गया। हालांकि, वे युवा कप्तान थे। दरअसल, उनकी उम्र सिर्फ 26 साल थी। इसके बाद, दक्षिण अफ्रीका में पहला टी20 विश्व कप हुआ।
वास्तव में, भारत को कोई पसंदीदा नहीं मान रहा था। इसके अलावा, वरिष्ठ खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता छोड़ दी। साथ ही, टीम में ज्यादातर युवा थे। हालांकि, धोनी के नेतृत्व में सब आत्मविश्वासी थे। फिर भी, उम्मीदें कम थीं।
इसके अतिरिक्त, भारत ने शानदार प्रदर्शन किया। दरअसल, हर मैच जीतते हुए फाइनल में पहुंचे। हालांकि, फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ था। फिर भी, धोनी ने शानदार कप्तानी की। इसलिए, भारत ने रोमांचक मैच जीत लिया। वास्तव में, यह धोनी की पहली बड़ी ट्रॉफी थी।

2011 का विश्व कप भारत में हुआ। दरअसल, उम्मीदें बहुत ऊंची थीं। इसके अलावा, भारत ने 28 साल से विश्व कप नहीं जीता था। साथ ही, पूरा देश इंतजार कर रहा था। हालांकि, दबाव भी बहुत था। फिर भी, धोनी की टीम शांत रही।
वास्तव में, भारत ने समूह चरण अच्छा खेला। इसके बाद, क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया। हालांकि, यह बहुत कठिन मैच था। फिर भी, युवराज और टीम ने कमाल किया। इसलिए, सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ था।
इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान मैच बहुत भावुक था। दरअसल, यह उच्च दबाव वाला खेल था। हालांकि, भारत ने शानदार जीत दर्ज की। फिर भी, असली परीक्षा फाइनल में थी। वास्तव में, 2 अप्रैल 2011 की रात अविस्मरणीय थी।
दरअसल, श्रीलंका के खिलाफ फाइनल वानखेड़े स्टेडियम में था। इसके अलावा, 277 रन का पीछा करना था। साथ ही, शुरुआत में दो विकेट गिर गए। हालांकि, गंभीर और कोहली ने साझेदारी बनाई। फिर भी, दबाव बढ़ता जा रहा था।
इसके अतिरिक्त, धोनी ने खुद क्रम पांच पर बल्लेबाजी का फैसला लिया। वास्तव में, यह साहसी निर्णय था। हालांकि, सब हैरान थे। फिर भी, धोनी अपनी योजना पर दृढ़ थे। इसलिए, उन्होंने 91 गेंदों पर 91 रन बनाए।
वास्तव में, प्रसिद्ध छक्का पूरी दुनिया ने देखा। दरअसल, मुरलीधरन की गेंदबाजी पर धोनी ने हेलीकॉप्टर शॉट खेला। इसके बाद, गेंद सीधे दर्शक दीर्घा में गई। साथ ही, भारत ने 28 साल बाद विश्व कप जीत लिया। हालांकि, यह धोनी के जीवन का सर्वश्रेष्ठ पल था। फिर भी, उनके चेहरे पर वही शांति थी। इसलिए, सब उन्हें कैप्टन कूल कहते हैं।
जून 2013 में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी हुई। दरअसल, भारत का फॉर्म साधारण था। इसके अलावा, कोई ज्यादा उम्मीद नहीं थी। साथ ही, आलोचकों ने भारत को कमजोर माना। हालांकि, धोनी की टीम अलग योजना पर थी। फिर भी, धीरे-धीरे फॉर्म में आई।
वास्तव में, भारत ने शानदार क्रिकेट खेली। इसके बाद, हर मैच जीतते हुए फाइनल में पहुंचे। हालांकि, फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ था। फिर भी, बारिश की वजह से मैच प्रभावित हुआ। इसलिए, डकवर्थ लुईस पद्धति से लक्ष्य संशोधित हुआ।
इसके अतिरिक्त, भारत ने 129 रन बनाए। दरअसल, यह लक्ष्य आसान लग रहा था। हालांकि, भारतीय गेंदबाजों ने कमाल कर दिया। फिर भी, सबसे बड़ा योगदान ईशांत शर्मा और जडेजा का था। इसलिए, भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी जीत ली। वास्तव में, धोनी एकमात्र कप्तान बने जिसने तीनों ICC ट्रॉफियां जीतीं।

4 जुलाई 2010 को धोनी ने साक्षी रावत से शादी की। दरअसल, साक्षी होटल प्रबंधन की छात्रा थीं। इसके अलावा, दोनों की मुलाकात 2008 में कोलकाता में हुई। साथ ही, साक्षी धोनी के विद्यालय मित्र की मित्र थीं। हालांकि, रिश्ता कुछ समय गुप्त रहा। फिर भी, 2010 में घोषणा की।
वास्तव में, शादी बहुत निजी समारोह में हुई। इसके बाद, सिर्फ करीबी मित्रों और परिवार को आमंत्रित किया गया। हालांकि, मीडिया में बहुत चर्चा थी। फिर भी, धोनी ने सब सरल रखा। इसलिए, प्रशंसकों ने भी सम्मान किया।
इसके अतिरिक्त, 6 फरवरी 2015 को उनकी बेटी जीवा का जन्म हुआ। दरअसल, धोनी बहुत खुश हुए। हालांकि, उस समय वे ऑस्ट्रेलिया में विश्व कप खेल रहे थे। फिर भी, जल्दी भारत वापस आए। इसलिए, परिवार के साथ समय बिताया। वास्तव में, धोनी बहुत देखभाल करने वाले पिता हैं।
30 दिसंबर 2014 को धोनी ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। दरअसल, यह घोषणा चौंकाने वाली थी। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में यह निर्णय आया। साथ ही, कोई संवाददाता सम्मेलन भी नहीं हुआ। हालांकि, धोनी ने सिर्फ BCCI को सूचित किया। फिर भी, सब दंग रह गए।
वास्तव में, धोनी ने 90 टेस्ट मैच खेले थे। इसके बाद, 4876 रन बनाए। हालांकि, टेस्ट में उनकी औसत 38 के आसपास थी। फिर भी, कप्तान के रूप में 27 जीत दर्ज की। इसलिए, वे सफल टेस्ट कप्तान भी थे।

2008 से धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान हैं। दरअसल, यह साझेदारी महान बन गई। इसके अलावा, CSK ने 5 बार आईपीएल खिताब जीता है। साथ ही, हर सत्र में प्लेऑफ में पहुंचना CSK की विशेषता है। हालांकि, 2016-17 में निलंबन भी झेला। फिर भी, 2018 में वापसी शानदार रही।
वास्तव में, धोनी की कप्तानी CSK की ताकत है। इसके अतिरिक्त, उनका शांत तरीका मैच जीतने वाला साबित होता है। हालांकि, अब उम्र बढ़ रही है। फिर भी, फॉर्म और फिटनेस बरकरार है। इसलिए, 2025 तक वे CSK के लिए खेल रहे हैं।
15 अगस्त 2020 को धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस पर यह घोषणा हुई। इसके अलावा, इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से बताया। साथ ही, शीर्षक था “Thanks a lot for ur love and support throughout.” हालांकि, सरल संदेश था। फिर भी, सबके दिल छू गया।
वास्तव में, धोनी ने 350 वनडे और 98 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। इसके बाद, 17000+ अंतरराष्ट्रीय रन बनाए। हालांकि, यह संख्याओं से ज्यादा था। फिर भी, उनका नेतृत्व सबसे बड़ी उपलब्धि थी। इसलिए, वे भारत के महानतम कप्तान माने जाते हैं।
धोनी के नाम कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड हैं:
| रिकॉर्ड | विवरण |
|---|---|
| विश्व कप विजेता | 2011 (50 ओवर) |
| टी20 विश्व कप विजेता | 2007 |
| चैंपियंस ट्रॉफी विजेता | 2013 |
| कप्तान के रूप में वनडे मैच | 200 मैच (110 जीत) |
| कप्तान के रूप में टी20 जीत | 41 जीत (72 मैच) |
| कप्तान के रूप में टेस्ट जीत | 27 जीत (60 मैच) |
| वनडे रन | 10,773 रन |
| वनडे शतक | 10 |
| स्टंपिंग (वनडे) | 123 (रिकॉर्ड) |
| आईपीएल खिताब | 5 (CSK कप्तान) |
| पद्म पुरस्कार | पद्म भूषण (2018), पद्म श्री (2009) |
महेंद्र सिंह धोनी की कहानी अद्भुत है। दरअसल, रांची के छोटे शहर से भारत का कप्तान बनना आसान नहीं था। इसके बाद, रेलवे की नौकरी छोड़कर क्रिकेट को चुनना बड़ा जोखिम था। हालांकि, धोनी ने अपने सपने पर भरोसा किया। फिर भी, कभी हार नहीं मानी।
वास्तव में, उनके शांत नेतृत्व ने भारत को नई पहचान दी। इसके अलावा, तीनों ICC ट्रॉफियां जीतना बेजोड़ है। साथ ही, धोनी की विकेटकीपिंग भी विश्व स्तरीय थी। हालांकि, उनकी असली ताकत निर्णय लेना थी। फिर भी, वे हमेशा टीम को श्रेय देते थे।
आज धोनी संन्यास ले चुके हैं। हालांकि, आईपीएल में अभी खेल रहे हैं। साथ ही, प्रशंसकों का प्यार अभी भी उतना ही है। दरअसल, धोनी सिर्फ क्रिकेटर नहीं, भावना हैं। इसलिए, वे हमेशा भारतीय क्रिकेट के महानतम कप्तान रहेंगे। वास्तव में, कैप्टन कूल हमेशा!
महेंद्र सिंह धोनी। हालांकि, सब उन्हें माही या MSD कहते हैं।
दिसंबर 2025 तक 44 वर्ष। दरअसल, जन्म 7 जुलाई 1981 को हुआ।
क्योंकि दबाव में भी शांत रहते हैं। इसलिए, हमेशा सही फैसले लेते हैं।
91 रन। वास्तव में, मैच जीताने वाली पारी थी।
साक्षी सिंह धोनी। दरअसल, 2010 में शादी हुई।
एक बेटी – जीवा धोनी। हालांकि, 2015 में जन्म हुई।
धोनी का विशेष शॉट। वास्तव में, कलाई की ताकत से शक्तिशाली छक्का।
भारत और CSK। साथ ही, दोनों को खिताब दिलाए।
तीन – 2007 टी20 विश्व कप, 2011 वनडे विश्व कप, 2013 चैंपियंस ट्रॉफी। इसलिए, अनोखा रिकॉर्ड।
7। दरअसल, यह उनका भाग्यशाली अंक है।
15 अगस्त 2020। हालांकि, आईपीएल में अभी खेल रहे हैं।
रेलवे में यात्रा टिकट परीक्षक। वास्तव में, खड़गपुर स्टेशन पर तैनात थे।
10,773 रन। साथ ही, 10 शतक भी।
5 खिताब। दरअसल, सब धोनी की कप्तानी में।
पद्म भूषण (2018), पद्म श्री (2009)। साथ ही, कई खेल पुरस्कार।
विश्व स्तरीय। इसलिए, 123 वनडे स्टंपिंग का रिकॉर्ड।
रांची, झारखंड। हालांकि, चेन्नई में भी रहते हैं।
30 दिसंबर 2014। दरअसल, अचानक घोषणा हुई।
शांत कप्तानी। साथ ही, शानदार निर्णय क्षमता।
आईपीएल खेलते हैं। वास्तव में, CSK के कप्तान और मार्गदर्शक।