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रवींद्र जडेजा भारतीय क्रिकेट के सबसे महान ऑलराउंडरों में से एक हैं। वे न केवल एक शानदार बाएं हाथ के स्पिनर हैं बल्कि एक उपयोगी बल्लेबाज़ और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में से एक भी हैं। जडेजा को प्यार से सर जडेजा के नाम से जाना जाता है जो सोशल मीडिया पर एक मजाक से शुरू हुआ और बाद में उनकी पहचान बन गया।
रवींद्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को गुजरात के जामनगर जिले के नवागाम घेड नामक छोटे से गांव में हुआ। उनका परिवार बेहद साधारण पृष्ठभूमि से है। पिता एक निजी सुरक्षा एजेंसी में चौकीदार थे। लेकिन जडेजा ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से खुद को भारतीय क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना लिया।
जडेजा ने टेस्ट क्रिकेट में 300 से अधिक विकेट और 3000 से अधिक रन बनाए हैं। वे टेस्ट क्रिकेट इतिहास में यह दोहरा शतक हासिल करने वाले दूसरे सबसे तेज़ खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2013 में भारत को ICC चैंपियंस ट्रॉफी और 2024 में T20 विश्व कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे चेन्नई सुपर किंग्स के साथ IPL में चार बार चैंपियन बने हैं।
| विवरण | जानकारी |
| पूरा नाम | रवींद्रसिंह अनिरुद्धसिंह जडेजा |
| जन्म तिथि | 6 दिसंबर 1988 |
| जन्म स्थान | नवागाम घेड, जामनगर, गुजरात, भारत |
| उम्र | 36 वर्ष (2024 में) |
| पिता का नाम | अनिरुद्धसिंह जडेजा (पूर्व चौकीदार) |
| माता का नाम | लता जडेजा (दिवंगत) |
| बहन | नैना जडेजा (नर्स) |
| पत्नी का नाम | रिवाबा जडेजा (राजनेता) |
| बच्चे | निधयाना जडेजा (बेटी) |
| जाति | राजपूत |
| खेल | क्रिकेट |
| बल्लेबाजी शैली | बाएं हाथ का बल्लेबाज़ |
| गेंदबाजी शैली | बाएं हाथ का ऑर्थोडॉक्स स्पिनर |
| भूमिका | ऑलराउंडर |
| घरेलू टीम | सौराष्ट्र |
| IPL टीम | चेन्नई सुपर किंग्स |
| टेस्ट डेब्यू | 13 दिसंबर 2012 बनाम इंग्लैंड |
| ODI डेब्यू | 8 फरवरी 2009 बनाम श्रीलंका |
| T20I डेब्यू | 10 फरवरी 2009 बनाम श्रीलंका |
| टेस्ट मैच | 73 मैच |
| टेस्ट रन | 3000+ रन |
| टेस्ट विकेट | 300+ विकेट |
| ODI मैच | 197 मैच |
| प्रमुख उपलब्धि | 2013 ICC चैंपियंस ट्रॉफी विजेता, 2024 T20 विश्व कप विजेता |
| उपनाम | सर जडेजा, जड्डू, रॉकस्टार |
| सर्वोच्च स्कोर | 175* (टेस्ट में श्रीलंका के खिलाफ) |
| पुरस्कार | अर्जुन पुरस्कार (2019) |

रवींद्रसिंह अनिरुद्धसिंह जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को गुजरात के जामनगर जिले के नवागाम घेड शहर में एक राजपूत परिवार में हुआ। उनके पिता अनिरुद्धसिंह एक निजी सुरक्षा एजेंसी में चौकीदार के रूप में काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी और घर में अक्सर तनाव रहता था।
जडेजा की मां लता और बहन नैना ने उन्हें घर के तनावपूर्ण माहौल से दूर रखने के लिए बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। इस तरह जडेजा की रुचि क्रिकेट में बढ़ी। बचपन में जडेजा को बड़े बच्चों द्वारा बहुत परेशान किया जाता था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
2005 में एक दुर्घटना में जडेजा की मां का निधन हो गया। यह जडेजा के जीवन का सबसे दुखद पल था। लेकिन मां की मृत्यु के बाद भी जडेजा ने क्रिकेट नहीं छोड़ी और अपने सपने को पूरा करने के लिए और मेहनत की।
जडेजा की बहन नैना एक नर्स हैं। उन्होंने हमेशा जडेजा का साथ दिया और उन्हें प्रोत्साहित किया। परिवार की कठिन परिस्थितियों के बावजूद जडेजा ने अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोड़ा।
जडेजा के पिता चाहते थे कि वे सेना में जाएं लेकिन जडेजा का मन क्रिकेट में था। 10 साल की उम्र में जडेजा महेंद्रसिंह चौहान की क्रिकेट अकादमी क्रिकेट बंगलो में शामिल हो गए। महेंद्रसिंह एक पुलिसकर्मी थे और पार्ट टाइम क्रिकेट कोच भी थे। उन्होंने जडेजा की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें तराशा।

रवींद्र जडेजा शुरू में तेज़ गेंदबाज़ बनना चाहते थे। लेकिन उनके कोच महेंद्रसिंह चौहान ने उन्हें स्पिन गेंदबाजी सिखाई। कोच ने जडेजा को बल्लेबाजी के मौके भी दिए और उन्हें एक ऑलराउंडर के रूप में तैयार किया।
जडेजा ने 2005 में भारतीय अंडर-19 टीम के लिए डेब्यू किया। उस समय वे केवल 16 साल के थे। 2006 में श्रीलंका में हुए ICC अंडर-19 विश्व कप में जडेजा ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने फाइनल में तीन विकेट लिए लेकिन भारत पाकिस्तान से हार गया।
2008 में मलेशिया में आयोजित ICC अंडर-19 विश्व कप में जडेजा भारतीय टीम के उपकप्तान थे। कप्तान विराट कोहली थे। जडेजा ने टूर्नामेंट में छह मैचों में 10 विकेट लिए जो औसत 13.60 थी। भारत ने यह विश्व कप जीत लिया और जडेजा टीम के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक थे।
2006-07 में जडेजा ने दिलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया। उसी सीजन में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के लिए भी खेलना शुरू किया। उनका प्रदर्शन लगातार बेहतर होता गया।

2008-09 रणजी ट्रॉफी सीजन जडेजा के करियर का टर्निंग पॉइंट बन गया। इस सीजन में उन्होंने 42 विकेट लिए और 739 रन बनाए। यह ऑलराउंड प्रदर्शन बेहद शानदार था। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें माधवराव सिंधिया पुरस्कार मिला जो रणजी ट्रॉफी में सबसे अधिक विकेट लेने के लिए दिया जाता है।
इस शानदार घरेलू प्रदर्शन ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। जडेजा को श्रीलंका में ODI श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में चुना गया। यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत थी।
2012 में जडेजा प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तीन ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाले पहले भारतीय और दुनिया के आठवें बल्लेबाज़ बने। 23 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल करना बहुत बड़ी बात थी। उनकी तीन ट्रिपल सेंचुरी थीं – 303*, 331 और 314।
2015-16 रणजी सीजन में जडेजा ने शानदार वापसी की। उन्होंने चार मैचों में 38 विकेट लिए और 215 रन बनाए जिसमें तीन अर्धशतक भी शामिल थे। इस प्रदर्शन के बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के लिए चुना गया।
8 फरवरी 2009 को रवींद्र जडेजा ने कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ अपना ODI डेब्यू किया। यह श्रृंखला का अंतिम मैच था। जडेजा ने इस मैच में नाबाद 60 रन बनाए। हालांकि भारत मैच हार गया लेकिन जडेजा के प्रदर्शन ने सबको प्रभावित किया।
10 फरवरी 2009 को जडेजा ने कोलंबो में ही अपना T20I डेब्यू भी श्रीलंका के खिलाफ किया। इस तरह दो दिनों में ही जडेजा ने दो फॉर्मेट में डेब्यू कर लिया।

शुरुआत में जडेजा को अपने प्रदर्शन के लिए बहुत आलोचना सहनी पड़ी। 2009 विश्व T20 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की हार में जडेजा की धीमी बल्लेबाजी की आलोचना हुई। उस समय सोशल मीडिया पर जडेजा को लेकर कई मजाक बनाए गए।
लेकिन जडेजा ने इन आलोचनाओं से हार नहीं मानी। उन्होंने अपने खेल पर काम किया और धीरे-धीरे अपनी जगह पक्की की। 21 दिसंबर 2009 को कटक में श्रीलंका के खिलाफ उन्हें अपने चार विकेट के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
13 दिसंबर 2012 को नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ जडेजा ने अपना टेस्ट डेब्यू किया। हालांकि उन्हें टेस्ट में डेब्यू करने में काफी समय लगा लेकिन एक बार मौका मिलने के बाद उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
फरवरी-मार्च 2013 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला 4-0 से जीती। जडेजा इस जीत के नायकों में से एक थे। उन्होंने इस श्रृंखला में 24 विकेट लिए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क को छह में से पांच बार आउट किया।
दिल्ली टेस्ट में जडेजा को अपना पहला पांच विकेट हॉल मिला। अंतिम टेस्ट में उन्होंने सात विकेट लिए जिसमें दूसरी पारी में पांच विकेट भी शामिल थे। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
2013 का ICC चैंपियंस ट्रॉफी जडेजा के करियर का सबसे यादगार टूर्नामेंट था। इंग्लैंड में आयोजित इस टूर्नामेंट में जडेजा ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने टूर्नामेंट में सर्वाधिक 12 विकेट लिए जो औसत 12.83 थी।
23 जून 2013 को बर्मिंघम के एजबेस्टन में फाइनल मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया। बारिश के कारण मैच 20-20 ओवर का हो गया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 129 रन बनाए।
जडेजा ने नाबाद 33 रन बनाए जो केवल 25 गेंदों में आए। इससे भारत को एक अच्छा स्कोर मिला। गेंदबाजी में जडेजा ने इयान बेल और जोस बटलर के महत्वपूर्ण विकेट लिए। भारत ने मैच पांच रन से जीत लिया।
जडेजा को फाइनल में उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। यह भारत का पहला ICC चैंपियंस ट्रॉफी खिताब था और जडेजा इसके नायक थे।
रवींद्र जडेजा ने टेस्ट क्रिकेट में खुद को भारत के सबसे भरोसेमंद स्पिनरों में से एक साबित किया। उन्होंने घरेलू परिस्थितियों में तो शानदार प्रदर्शन किया ही साथ ही विदेशों में भी अच्छा खेला।
2013 में डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जडेजा ने 6/138 लिए। हालांकि भारत यह मैच हार गया लेकिन जडेजा का प्रदर्शन शानदार था। 2015 में जब दक्षिण अफ्रीका ने भारत का दौरा किया तो जडेजा ने चार टेस्ट में 23 विकेट लिए। यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
2016-17 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में जडेजा ने 26 विकेट लिए। चेन्नई टेस्ट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 7/48 लिए। भारत ने इस मैच में 759 रन बनाए थे और जडेजा ने गेंदबाजी में कमाल कर दिया।
5 मार्च 2022 को बैंगलोर में श्रीलंका के खिलाफ जडेजा ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। नंबर सात पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने नाबाद 175 रन बनाए। यह नंबर सात या उससे नीचे के क्रम पर बल्लेबाजी करने वाले किसी भी खिलाड़ी द्वारा टेस्ट में सबसे बड़ा स्कोर था। इससे पहले यह रिकॉर्ड कपिल देव के नाम था जो 35 साल पुराना था।
जडेजा ने इस मैच में गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने दो पारियों में 9/87 के आंकड़े लिए। भारत ने यह मैच पारी और 222 रन से जीत लिया।
2022 में इंग्लैंड के दौरे पर ओवल में जडेजा ने अपना पहला विदेशी शतक बनाया। यह उनका महत्वपूर्ण प्रदर्शन था जो साबित करता है कि वे विदेशों में भी बल्ले से योगदान दे सकते हैं।
2024 में जडेजा टेस्ट क्रिकेट में 3000 रन और 300 विकेट दोनों का आंकड़ा पार करने वाले दूसरे सबसे तेज़ खिलाड़ी बने। यह उपलब्धि उनकी ऑलराउंड क्षमता को दर्शाती है।

रवींद्र जडेजा को 2008 में राजस्थान रॉयल्स ने IPL की उद्घाटन नीलामी में खरीदा। महान स्पिनर शेन वार्न राजस्थान रॉयल्स के कप्तान थे। वार्न ने जडेजा को रॉकस्टार का उपनाम दिया और कहा कि वे भविष्य के सुपरस्टार हैं।
जडेजा राजस्थान रॉयल्स की 2008 में IPL जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। यह उनकी पहली IPL ट्रॉफी थी।
2010 में जडेजा को संविदात्मक अनियमितताओं के कारण प्रतिबंध लगा दिया गया। 2011 में कोच्चि टस्कर्स केरल ने उन्हें 950,000 डॉलर में खरीदा लेकिन यह टीम सितंबर 2011 में ही IPL से बाहर हो गई।
2012 में IPL नीलामी में जडेजा सबसे महंगे खिलाड़ी बने। चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 2 मिलियन डॉलर (लगभग 9.7 करोड़ रुपये) में खरीदा। यह उनके करियर का टर्निंग पॉइंट था।
चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जडेजा ने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेला। वे टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक बन गए। MS धोनी ने उन पर पूरा भरोसा किया और जडेजा ने कभी निराश नहीं किया।
जडेजा ने CSK के साथ तीन IPL खिताब जीते – 2018, 2021 और 2023। 2023 के फाइनल में जडेजा ने आखिरी गेंद पर चौका मारकर CSK को जीत दिलाई। उन्हें फाइनल में मैन ऑफ द मैच चुना गया।
2021 में आरसीबी के हर्षल पटेल के खिलाफ जडेजा ने एक ओवर में सर्वाधिक 36 रन बनाए। यह सात गेंदों का ओवर था जिसमें कुल 37 रन बने। यह IPL रिकॉर्ड है।
जडेजा CSK के दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। उनसे आगे केवल ड्वेन ब्रावो हैं जिनके 140 विकेट हैं।
2022 में MS धोनी के बाद जडेजा को CSK का कप्तान बनाया गया। लेकिन टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने सीजन के बीच में कप्तानी छोड़ दी। MS धोनी ने फिर से कप्तानी संभाली। CSK उस सीजन में तालिका में सबसे नीचे रही।
जडेजा 2015 और 2019 ODI विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा थे। दोनों बार भारत सेमीफाइनल में हार गया। हालांकि जडेजा ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन टीम खिताब नहीं जीत सकी।
29 जून 2024 को बारबाडोस में खेले गए T20 विश्व कप फाइनल में भारत का सामना दक्षिण अफ्रीका से हुआ। भारत ने 176 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 30 रन और चाहिए थे और 30 गेंदें बची थीं।
जडेजा ने 17वां ओवर फेंका। इस महत्वपूर्ण ओवर में उन्होंने डेविड मिलर का महत्वपूर्ण विकेट लिया। मिलर आक्रामक रूप से खेल रहे थे। जडेजा ने इस ओवर में केवल 8 रन दिए। इससे दबाव बना रहा।
भारत ने यह मैच सात रन से जीत लिया और 17 साल बाद अपना दूसरा T20 विश्व कप खिताब जीता। जडेजा इस ऐतिहासिक जीत का हिस्सा थे। विश्व कप जीतने के बाद जडेजा सहित विराट कोहली और रोहित शर्मा ने T20I से संन्यास की घोषणा कर दी।
17 अप्रैल 2016 को रवींद्र जडेजा ने रिवाबा सोलंकी से शादी की। रिवाबा एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं और राजस्थान के जैसलमेर से ताल्लुक रखती हैं। वे भी एक राजपूत परिवार से हैं।
रिवाबा राजनीति में भी सक्रिय हैं। वे भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं। 2023 में उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव में जामनगर नॉर्थ सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वे गुजरात विधानसभा की सदस्य हैं।
जडेजा की एक बेटी है जिसका नाम निधयाना है। निधयाना का जन्म 2017 में हुआ था। जडेजा अपने परिवार के बहुत करीब हैं और जब भी समय मिलता है उनके साथ बिताते हैं।
जडेजा को घोड़े बहुत पसंद हैं। उनके पास कई नस्ली घोड़े हैं। वे घुड़सवारी का शौक रखते हैं और अपने घोड़ों की देखभाल खुद करते हैं। उन्होंने अपने गृहनगर में एक फार्म हाउस बनाया है।
जडेजा तलवारबाजी में भी रुचि रखते हैं। उन्होंने पारंपरिक राजपूत तलवारबाजी सीखी है। सोशल मीडिया पर कई बार उनकी तलवार चलाने की तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं।
रवींद्र जडेजा बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाज़ हैं। उनकी गेंदबाजी की खासियतें:
जडेजा शुरुआत में केवल गेंदबाज़ के रूप में जाने जाते थे लेकिन उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर बहुत काम किया। अब वे एक भरोसेमंद बल्लेबाज़ हैं:
जडेजा को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में गिना जाता है। उनकी फील्डिंग की खासियतें:

2010 में जडेजा को IPL से एक साल का प्रतिबंध लगा दिया गया। उन पर आरोप था कि उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के साथ अपने संविदा में अनियमितता की थी। यह जडेजा के करियर का कठिन दौर था।
2013 में जडेजा के पिता ने मीडिया को बताया कि उनके और जडेजा के बीच मतभेद हैं। उन्होंने जडेजा की पत्नी रिवाबा पर भी आरोप लगाए। यह पारिवारिक विवाद मीडिया में काफी चर्चा में रहा। लेकिन बाद में सब कुछ ठीक हो गया।
2022 में जब जडेजा को CSK का कप्तान बनाया गया तो बहुत उम्मीदें थीं। लेकिन टीम का प्रदर्शन खराब रहा। आठ मैचों के बाद जडेजा ने कप्तानी छोड़ दी। इस फैसले की बहुत आलोचना हुई लेकिन जडेजा ने टीम के हित में यह कदम उठाया।
2013 में सोशल मीडिया पर एक मजाक के रूप में जडेजा को सर जडेजा कहा जाने लगा। यह उनकी शुरुआती आलोचनाओं के जवाब में एक व्यंग्यात्मक उपाधि थी। लेकिन धीरे-धीरे जडेजा ने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि वे वाकई में सर की उपाधि के लायक हैं।
आज सर जडेजा एक सम्मानजनक उपनाम बन गया है। फैंस प्यार से उन्हें सर जडेजा कहते हैं। खुद जडेजा ने भी इस उपनाम को अपना लिया है और अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी इसका इस्तेमाल करते हैं।
जडेजा ने अपने गृहनगर जामनगर में क्रिकेट के विकास के लिए बहुत काम किया है। उन्होंने युवा क्रिकेटरों को प्रोत्साहित किया है और उनकी मदद की है।
कोविड-19 महामारी के दौरान जडेजा ने जरूरतमंदों की मदद की। उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराने में मदद की।
जडेजा अक्सर अपने गांव जाते हैं और वहां के लोगों से मिलते हैं। वे अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं और गांव के विकास में रुचि रखते हैं।
रवींद्र जडेजा अभी भी सक्रिय क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्होंने T20I से संन्यास ले लिया है लेकिन टेस्ट और ODI में खेलना जारी रखा है। वे भारतीय टीम के महत्वपूर्ण सदस्य बने हुए हैं।
जडेजा का लक्ष्य है कि वे टेस्ट में 400 विकेट और 4000 रन का आंकड़ा पार करें। अगर वे यह हासिल कर लेते हैं तो वे टेस्ट क्रिकेट के महानतम ऑलराउंडरों में गिने जाएंगे।
IPL में जडेजा चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जुड़े रहना चाहते हैं। वे CSK के लिए और खिताब जीतना चाहते हैं। MS MS धोनी के साथ उनकी जोड़ी IPL में सबसे सफल जोड़ियों में से एक रही है।
रवींद्र जडेजा की कहानी संघर्ष और सफलता की एक प्रेरणादायक कहानी है। एक गरीब परिवार से आकर विश्व स्तर पर नाम कमाना आसान नहीं था। लेकिन जडेजा ने अपनी मेहनत और समर्पण से यह कर दिखाया।
जडेजा युवाओं से कहते हैं कि आलोचनाओं से घबराना नहीं चाहिए। शुरुआत में उन्हें भी बहुत आलोचना सहनी पड़ी लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको जवाब दिया। वे मानते हैं कि मेहनत और धैर्य से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
जडेजा अपनी फिटनेस को बहुत महत्व देते हैं। वे कहते हैं कि फिटनेस किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे जरूरी है। उनकी फील्डिंग उनकी फिटनेस का सबूत है। वे नियमित रूप से जिम जाते हैं और योगा करते हैं।
जडेजा का मानना है कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है बल्कि यह जीवन का एक तरीका है। यह अनुशासन, समर्पण और टीम भावना सिखाता है। वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे क्रिकेट खेलें।
रवींद्र जडेजा ने भारतीय क्रिकेट को एक संपूर्ण ऑलराउंडर दिया है। टेस्ट क्रिकेट में उनका योगदान अमूल्य है। घरेलू परिस्थितियों में वे भारत के सबसे भरोसेमंद स्पिनर हैं।
जडेजा ने साबित किया कि स्पिनर भी बल्ले से महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने निचले क्रम की बल्लेबाजी को मजबूत किया है। उनके कारण भारतीय टीम की बल्लेबाजी लंबी हो गई है।
फील्डिंग में जडेजा ने नए मानक स्थापित किए हैं। उनकी फील्डिंग को देखकर युवा खिलाड़ी प्रेरणा लेते हैं। वे साबित करते हैं कि फील्डिंग भी मैच जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
2013 चैंपियंस ट्रॉफी और 2024 T20 विश्व कप जीतने में जडेजा की अहम भूमिका रही। वे भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक हैं।
रवींद्र जडेजा भारतीय क्रिकेट के सबसे संपूर्ण ऑलराउंडरों में से एक हैं। उन्होंने गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग तीनों विभागों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। टेस्ट क्रिकेट में 300 से अधिक विकेट और 3000 से अधिक रन उनकी ऑलराउंड क्षमता को दर्शाते हैं।
जडेजा की कहानी गुजरात के एक छोटे से गांव से विश्व मंच तक पहुंचने की प्रेरणादायक यात्रा है। आर्थिक कठिनाइयों, पारिवारिक समस्याओं और शुरुआती आलोचनाओं के बावजूद जडेजा ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको जवाब दिया।
सर जडेजा का उपनाम जो एक मजाक से शुरू हुआ था, आज सम्मान का प्रतीक बन गया है। जडेजा ने साबित कर दिया कि वे वाकई में इस उपाधि के लायक हैं। उनका समर्पण, मेहनत और प्रतिभा हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा है।
रवींद्र जडेजा का नाम हमेशा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा रहेगा। वे न केवल एक महान खिलाड़ी हैं बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी हैं जो अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं।
रवींद्र जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर हैं जो बाएं हाथ के स्पिनर, बल्लेबाज़ और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में से एक हैं।
रवींद्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को गुजरात के जामनगर जिले के नवागाम घेड में हुआ था।
2013 में सोशल मीडिया पर मजाक में शुरू हुआ यह उपनाम जडेजा के शानदार प्रदर्शन के बाद सम्मान का प्रतीक बन गया।
जडेजा ने 8 फरवरी 2009 को एकदिवसीय क्रिकेट में और 13 दिसंबर 2012 को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया।
जडेजा का सर्वोच्च टेस्ट स्कोर 175 रन नाबाद है जो उन्होंने 2022 में श्रीलंका के खिलाफ बनाया।
रवींद्र जडेजा वर्ष 2012 से चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल रहे हैं।
जडेजा ने चार IPL खिताब जीते हैं, 2008 में राजस्थान रॉयल्स के साथ और 2018, 2021 तथा 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ।
रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा हैं जो गुजरात विधानसभा की सदस्य हैं।
जडेजा को अर्जुन पुरस्कार, विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर और कई अन्य राष्ट्रीय सम्मान मिले हैं।
रवींद्र जडेजा 300 से अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में शामिल हैं।
2013 चैंपियंस ट्रॉफी में जडेजा सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे और फाइनल में मैन ऑफ द मैच बने।
रवींद्र जडेजा बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाज़ हैं जो अपनी सटीक गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं।
रवींद्र जडेजा ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तीन ट्रिपल सेंचुरी बनाई हैं, जिनमें 303, 331 और 314 रन शामिल हैं।
हां, रवींद्र जडेजा 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और 2024 टी20 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे हैं।
रवींद्र जडेजा ने 2021 में एक ओवर में 36 रन बनाकर आईपीएल का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया।