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भारतीय महिला क्रिकेट में शेफाली वर्मा एक क्रांतिकारी नाम है। इसके अलावा, उन्हें शिफू के प्यारे नाम से जाना जाता है। साथ ही, उनका निडर और आक्रामक खेल हर किसी को प्रभावित करता है। हालांकि, सिर्फ 21 साल की उम्र में वे भारत की सबसे खतरनाक बल्लेबाज बन चुकी हैं। फिर भी, उनकी यात्रा संघर्ष और जिद्द की कहानी है।
इसके अतिरिक्त, शेफाली की कहानी रोहतक के एक छोटे शहर से शुरू होती है। वास्तव में, जहां लड़कियों के लिए क्रिकेट खेलना एक सपना था। लेकिन आज, वे भारतीय महिला क्रिकेट की पहचान हैं। इसलिए, उनकी जीवनी हर लड़की के लिए प्रेरणा है जो अपने सपने पूरे करना चाहती है।
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| पूरा नाम | शेफाली वर्मा |
| उपनाम | शिफू |
| जन्म तिथि | 28 जनवरी 2004 |
| जन्म स्थान | रोहतक, हरियाणा, भारत |
| उम्र | 21 वर्ष (दिसंबर 2025 तक) |
| ऊंचाई | 5 फीट 2 इंच (लगभग 157 सेमी) |
| बल्लेबाजी शैली | दाएं हाथ की बल्लेबाज |
| गेंदबाजी शैली | दाएं हाथ की ऑफ ब्रेक |
| भूमिका | शुरुआती बल्लेबाज |
| पिता का नाम | संजीव वर्मा |
| माता का नाम | परवीन बाला |
| भाई-बहन | साहिल वर्मा (भाई), नेंसी वर्मा (बहन) |
| वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
| धर्म | हिंदू धर्म |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| घरेलू टीम | हरियाणा |
| WPL टीम | दिल्ली कैपिटल्स |
| WPL मूल्य | 2 करोड़ रुपये |
| अंतरराष्ट्रीय शुरुआत | टी20 – 24 सितंबर 2019, वनडे – 22 फरवरी 2021, टेस्ट – 16 जून 2021 |
| प्रमुख उपलब्धि | 2025 विश्व कप में फाइनल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, 2023 अंडर-19 विश्व कप विजेता कप्तान |
| विशेष रिकॉर्ड | सबसे युवा भारतीय टी20 खिलाड़ी (15 वर्ष 239 दिन), टेस्ट में दोहरा शतक |
| जर्सी नंबर | 6 |
| प्रशिक्षक | अश्विनी कुमार |
| निवास स्थान | रोहतक, हरियाणा |

शेफाली वर्मा का जन्म 28 जनवरी 2004 को रोहतक, हरियाणा में हुआ। दरअसल, यह वही शहर है जहां कई पहलवान और खिलाड़ी पैदा हुए हैं। हालांकि, लड़कियों के लिए क्रिकेट खेलना बहुत मुश्किल था। फिर भी, शेफाली ने अपना सपना नहीं छोड़ा।
इसके अलावा, शेफाली के पिता संजीव वर्मा एक छोटी आभूषण मरम्मत की दुकान चलाते हैं। साथ ही, उनकी माँ परवीन बाला गृहिणी हैं। वास्तव में, परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी। हालांकि, पिता ने हमेशा बेटी के सपने का साथ दिया। फिर भी, समाज की आलोचना का सामना करना पड़ा।
इसके अतिरिक्त, शेफाली के बड़े भाई साहिल और छोटी बहन नेंसी भी क्रिकेट खेलते हैं। दरअसल, पूरा परिवार क्रिकेट प्रेमी है। हालांकि, शेफाली ने सबसे ज्यादा मेहनत की। फिर भी, परिवार का समर्थन उनकी सबसे बड़ी ताकत रहा। इसलिए, आज वे अपने परिवार को अपनी सफलता का श्रेय देती हैं।
शुरुआत में, रोहतक में लड़कियों के लिए कोई क्रिकेट अकादमी नहीं थी। दरअसल, हर जगह से शेफाली को मना कर दिया गया। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी। इसके बाद, एक अनोखा फैसला लिया।
वास्तव में, शेफाली ने 6 साल की उम्र से ही छोटे बाल रखना शुरू कर दिया। इसके अलावा, लड़कों जैसे कपड़े पहनने लगीं। साथ ही, अपने भाई साहिल के नाम से लड़कों की प्रतियोगिता में खेलने लगीं। हालांकि, किसी को पता नहीं चला कि वे लड़की हैं। फिर भी, यह बहुत जोखिम भरा था।
इसके अतिरिक्त, एक बार साहिल बीमार पड़ गए। दरअसल, पानीपत में अंडर-12 प्रतियोगिता थी। हालांकि, साहिल नहीं खेल सकते थे। फिर भी, शेफाली ने उनकी जगह लेने का फैसला किया।
वास्तव में, पूरे टूर्नामेंट में शेफाली ने धमाकेदार प्रदर्शन किया। इसके बाद, उन्हें मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज दोनों पुरस्कार मिले। साथ ही, किसी को यह पता नहीं चला कि वे लड़की हैं। हालांकि, यह शेफाली की प्रतिभा का सबूत था। फिर भी, लड़कों के खिलाफ खेलना बहुत खतरनाक था। इसलिए, कई बार सिर पर गेंद लगी और हेलमेट टूट गया।

2013 में शेफाली की जिंदगी बदल गई। दरअसल, उस समय वे सिर्फ 9 साल की थीं। हालांकि, एक दिन पिता उन्हें लाहली में रणजी ट्रॉफी मैच देखने ले गए। फिर भी, यह कोई साधारण मैच नहीं था।
वास्तव में, उस मैच में सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी कर रहे थे। इसके अलावा, शेफाली पहली बार भगवान को खेलते देख रही थीं। साथ ही, सचिन का हर शॉट उनके मन में छप गया। हालांकि, मैच खत्म हो गया। फिर भी, शेफाली के मन में एक आग जल गई।
इसके अतिरिक्त, उस दिन शेफाली ने फैसला किया कि उन्हें भारत के लिए खेलना है। दरअसल, सचिन की बल्लेबाजी देखकर वे पूरी तरह प्रेरित हो गईं। हालांकि, रास्ता बहुत कठिन था। फिर भी, उन्होंने अपना सपना पूरा करने की ठान ली। इसलिए, सचिन आज भी उनके प्रिय खिलाड़ी हैं।
अंततः, शेफाली को राम नारायण अकादमी में प्रवेश मिल गया। दरअसल, यहां प्रशिक्षक अश्विनी कुमार ने उनकी प्रतिभा पहचानी। हालांकि, शुरुआत में लड़कियों के साथ अभ्यास करवाया गया। फिर भी, शेफाली सबसे तेज थीं।
वास्तव में, प्रशिक्षक अश्विनी कुमार ने देखा कि लड़कियां शेफाली के लिए कोई चुनौती नहीं हैं। इसके बाद, उन्होंने शेफाली को अंडर-19 लड़कों की टीम में खेलने का मौका दिया। साथ ही, यहां शेफाली ने अंडर-19 गेंदबाजों को भी ठोका। हालांकि, यह बहुत मुश्किल था। फिर भी, शेफाली ने हर चुनौती को स्वीकार किया।
इसके अतिरिक्त, अश्विनी कुमार ने एक साक्षात्कार में कहा, “लड़कियां उनके लिए कोई मुकाबला नहीं थीं। इसलिए मैंने उन्हें अंडर-19 लड़कों के साथ खिलाना शुरू किया। वे अंडर-19 गेंदबाजों को भी साफ कर देती थीं।” दरअसल, यह शेफाली की असाधारण प्रतिभा का प्रमाण था।
2017 में शेफाली ने हरियाणा की टीम के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया। दरअसल, वे सिर्फ 13 साल की थीं। हालांकि, उनका प्रदर्शन शानदार था। इसके बाद, 2018 में उन्होंने एक ऐसी पारी खेली जो इतिहास बन गई।
वास्तव में, घरेलू प्रतियोगिता में शेफाली ने सिर्फ 56 गेंदों पर 128 रन बनाए। इसके अलावा, यह पारी विस्फोटक थी। साथ ही, सभी चयनकर्ताओं ने इस पर ध्यान दिया। हालांकि, शेफाली को अभी राष्ट्रीय टीम का इंतजार करना था। फिर भी, मौका जल्द आने वाला था।
मई 2019 में जयपुर में महिला टी20 चैलेंज हुआ। दरअसल, शेफाली को वेलोसिटी टीम में चुना गया। हालांकि, यह उनका पहला बड़ा मंच था। फिर भी, शेफाली ने सबको चौंका दिया।
वास्तव में, शेफाली ने अपनी शक्तिशाली बल्लेबाजी से सबका ध्यान खींचा। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी प्रभावित हुए। साथ ही, इंग्लैंड की डेनी वायट ने उनकी तारीफ की। हालांकि, शेफाली बहुत सरल रहीं। फिर भी, यह प्रदर्शन उनकी जिंदगी बदलने वाला था। इसलिए, कुछ महीनों बाद भारतीय टीम का बुलावा आया।
24 सितंबर 2019 को शेफाली वर्मा ने इतिहास रच दिया। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय में पदार्पण किया। हालांकि, उनकी उम्र सिर्फ 15 साल 239 दिन थी। फिर भी, वे भारत की सबसे युवा महिला टी20 खिलाड़ी बन गईं।
वास्तव में, यह पदार्पण बहुत खास था। इसके अलावा, शेफाली ने पहले ही मैच में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी दिखाई। साथ ही, सभी को उनकी प्रतिभा का एहसास हो गया। हालांकि, यह तो सिर्फ शुरुआत थी। फिर भी, आगे और बड़े मौके आने वाले थे।
नवंबर 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ शेफाली ने अपने आदर्श का रिकॉर्ड तोड़ दिया। दरअसल, सेंट लूसिया में उन्होंने 49 गेंदों पर 73 रन बनाए। हालांकि, यह कोई साधारण अर्धशतक नहीं था।
वास्तव में, शेफाली सबसे युवा भारतीय बन गईं जिसने टी20 अंतरराष्ट्रीय में अर्धशतक बनाया। इसके अलावा, यह रिकॉर्ड पहले सचिन तेंदुलकर के नाम था। साथ ही, अपने आदर्श का रिकॉर्ड तोड़ना शेफाली के लिए सपने जैसा था। हालांकि, उन्होंने विनम्रता से यह सम्मान स्वीकार किया। फिर भी, पूरा भारत उन पर गर्व कर रहा था।

फरवरी-मार्च 2020 में ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप हुआ। दरअसल, यह शेफाली का पहला विश्व कप था। हालांकि, उन्होंने ऐसा खेल दिखाया कि सब दंग रह गए। फिर भी, उनकी उम्र सिर्फ 16 साल थी।
वास्तव में, शेफाली टूर्नामेंट से पहले नंबर एक टी20 बल्लेबाज की रैंकिंग पर थीं। इसके अलावा, विश्व कप में उनकी बल्लेबाजी विस्फोटक थी। साथ ही, हर मैच में आक्रामक शुरुआत देतीं। हालांकि, फाइनल में भारत हार गया। फिर भी, शेफाली पूरे विश्व में मशहूर हो गईं।
इसके अतिरिक्त, शेफाली की बल्लेबाजी शैली अनोखी थी। दरअसल, वे पहली ही गेंद से छक्के मारने के इरादे से उतरतीं। हालांकि, यह जोखिम भरा था। फिर भी, उनका आत्मविश्वास अडिग था। इसलिए, सभी उन्हें “गेम चेंजर” कहने लगे।
जून 2021 में शेफाली ने एक और इतिहास रचा। दरअसल, इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। हालांकि, यह बहुत खास था। फिर भी, उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी।
वास्तव में, शेफाली पुरुष या महिला दोनों में सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बन गईं जिसने तीनों प्रारूपों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा, यह रिकॉर्ड बहुत बड़ा था। साथ ही, शेफाली ने अपना वनडे पदार्पण भी फरवरी 2021 में कर लिया था। हालांकि, टेस्ट पदार्पण ने यह रिकॉर्ड पूरा किया। फिर भी, शेफाली के लिए यह सिर्फ शुरुआत थी। इसलिए, आगे और बड़ी उपलब्धियां इंतजार कर रही थीं।

जनवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका में पहला अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप हुआ। दरअसल, शेफाली को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया। हालांकि, यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। फिर भी, शेफाली ने इसे बखूबी निभाया।
वास्तव में, भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा, हर मैच में शेफाली की कप्तानी दिखी। साथ ही, टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को हराया। हालांकि, यह मैच बहुत रोमांचक था। फिर भी, भारत ने अपना पहला अंडर-19 विश्व कप जीत लिया।
इसके अतिरिक्त, यह शेफाली की कप्तानी में पहली बड़ी ट्रॉफी थी। दरअसल, पूरा देश खुशी से झूम उठा। हालांकि, शेफाली ने सारा श्रेय टीम को दिया। फिर भी, उनकी नेतृत्व क्षमता साबित हो गई। इसलिए, सभी जानते थे कि शेफाली भविष्य की महान कप्तान बन सकती हैं।

28 जून 2024 को शेफाली वर्मा ने महिला क्रिकेट इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिख दिया। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में उन्होंने 205 रन बनाए। हालांकि, यह सिर्फ एक दोहरा शतक नहीं था।
वास्तव में, शेफाली भारत की दूसरी महिला खिलाड़ी बन गईं जिसने टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाया। इसके अलावा, पहली महिला मिताली राज थीं जिन्होंने 2002 में 214 रन बनाए थे। साथ ही, शेफाली ने यह उपलब्धि लगभग 22 साल बाद दोहराई। हालांकि, शेफाली की पारी और भी खास थी।
इसके अतिरिक्त, शेफाली ने अपनी पूरी पारी में 23 चौके और 8 छक्के लगाए। दरअसल, यह आक्रामकता टेस्ट क्रिकेट में दुर्लभ है। हालांकि, शेफाली की बल्लेबाजी शैली ही ऐसी है। फिर भी, टेस्ट क्रिकेट में धैर्य भी दिखाया। इसलिए, यह पारी उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

फरवरी-मार्च 2025 में भारत में महिला वनडे विश्व कप हुआ। दरअसल, यह भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। हालांकि, शुरुआत में शेफाली बाहर थीं। फिर भी, सेमीफाइनल से पहले उन्हें टीम में शामिल किया गया।
वास्तव में, प्रतिका रावल चोटिल हो गईं। इसके बाद, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में शेफाली को मौका मिला। साथ ही, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि, असली जादू फाइनल में होना था। फिर भी, किसी को अंदाजा नहीं था कि शेफाली क्या करने वाली हैं।
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल डीवाई पाटिल स्टेडियम में हुआ। इसके अलावा, शेफाली ने शुरू से ही आक्रामक बल्लेबाजी की। साथ ही, उन्होंने 78 गेंदों पर 84 रन बनाए। हालांकि, यह पारी भारत को 298 रन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण थी।
वास्तव में, शेफाली की बल्लेबाजी से पूरा माहौल बदल गया। इसके अतिरिक्त, जब भारत ने गेंदबाजी की तो शेफाली ने गेंद भी संभाली। दरअसल, उन्होंने महत्वपूर्ण समय पर दो विकेट लिए। हालांकि, यह सबको चौंकाने वाला था। फिर भी, शेफाली ने साबित किया कि वे पूर्ण खिलाड़ी हैं।
इसलिए, भारत ने 298 रन बचाकर विश्व कप जीत लिया। साथ ही, शेफाली को फाइनल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। वास्तव में, यह शेफाली के करियर का सबसे बड़ा पल था। हालांकि, वे बहुत विनम्र रहीं। फिर भी, पूरा भारत उन पर गर्व कर रहा था।
2023 में पहली बार महिला प्रीमियर लीग का आयोजन हुआ। दरअसल, शेफाली को दिल्ली कैपिटल्स ने 2 करोड़ रुपये में खरीदा। हालांकि, यह बहुत बड़ी राशि थी। फिर भी, शेफाली इसके लायक साबित हुईं।
वास्तव में, अपने पहले मैच में शेफाली ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 84 रन बनाए। इसके अलावा, इस पारी में 10 चौके और 4 छक्के शामिल थे। साथ ही, सबको उनकी ताकत का एहसास हो गया। हालांकि, दिल्ली कैपिटल्स अभी खिताब नहीं जीत पाई। फिर भी, शेफाली टीम की सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।
इसके अतिरिक्त, 2024 और 2025 के सत्रों में भी शेफाली ने अच्छा प्रदर्शन किया। दरअसल, वे हर मैच में विस्फोटक शुरुआत देने की कोशिश करती हैं। हालांकि, हमेशा सफल नहीं होतीं। फिर भी, उनकी आक्रामक शैली दर्शकों को पसंद है। इसलिए, वे WPL की सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में से एक हैं।
शेफाली वर्मा की बल्लेबाजी शैली बहुत आक्रामक और निडर है। दरअसल, वे पहली ही गेंद से हमला करने में विश्वास रखती हैं। हालांकि, शुरुआत में उनके शॉट्स सीमित थे। फिर भी, समय के साथ उन्होंने अपने खेल को विकसित किया।
वास्तव में, मिताली राज ने एक साक्षात्कार में कहा, “वे शुरुआत में एकतरफा थीं। मुख्य रूप से ऑनसाइड पर ही रन बनाती थीं। लेकिन उनमें युवा खिलाड़ी के लिए कच्ची ताकत थी।” इसके अलावा, शेफाली ने इस कमी पर काम किया।
इसके अतिरिक्त, शेफाली ने अपने कोच अश्विनी कुमार के साथ बहुत मेहनत की। साथ ही, COVID-19 महामारी के दौरान भी अभ्यास जारी रखा। दरअसल, कोच ने अपने घर के पिछवाड़े में नेट और गेंदबाजी मशीन लगवाई। हालांकि, यह आसान नहीं था। फिर भी, शेफाली ने रोज अभ्यास किया।
वास्तव में, 2021 में शेफाली ने हरियाणा पुरुष टीम के साथ भी प्रशिक्षण लिया। इसके बाद, उन्हें बैक फुट शॉट्स और बाउंसर खेलने में मदद मिली। साथ ही, छोटी गेंद के खिलाफ उनकी कमजोरी भी दूर हुई। हालांकि, यह प्रक्रिया धीमी थी। फिर भी, आज शेफाली एक पूर्ण बल्लेबाज हैं। इसलिए, वे सभी तरह की गेंदबाजी का सामना कर सकती हैं।
शेफाली वर्मा के नाम कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड हैं:
| रिकॉर्ड | विवरण |
|---|---|
| 2025 विश्व कप विजेता | फाइनल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी |
| अंडर-19 विश्व कप | 2023 विजेता कप्तान |
| सबसे युवा टी20 खिलाड़ी | 15 साल 239 दिन (भारत) |
| तीनों प्रारूपों में सबसे युवा | पुरुष या महिला (भारत) |
| टेस्ट दोहरा शतक | 205 रन (दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, 2024) |
| टी20 में 1000 रन | सबसे युवा (महिला) |
| टी20 रैंकिंग | नंबर 1 (2020 विश्व कप से पहले) |
| टी20 मैच | 91 मैच, 2221 रन |
| वनडे मैच | 31 मैच, 741 रन |
| टेस्ट मैच | 5 मैच, 567 रन |
| WPL मूल्य | 2 करोड़ रुपये (दिल्ली कैपिटल्स) |
| राष्ट्रमंडल खेल | 2022 रजत पदक विजेता |
शेफाली की यात्रा कभी आसान नहीं रही। दरअसल, समाज ने कई बार उनके और उनके पिता के खिलाफ आवाज उठाई। हालांकि, पिता संजीव वर्मा ने कभी हार नहीं मानी। फिर भी, रिश्तेदारों और पड़ोसियों की आलोचना सुननी पड़ी।
वास्तव में, लोग कहते थे कि संजीव अपनी बेटी को “बर्बाद” कर रहे हैं। इसके अलावा, लड़की को क्रिकेट खेलने देना गलत माना जाता था। साथ ही, कई बार पैसों की भी तंगी रही। हालांकि, पिता ने बेटी के सपने के लिए सब कुछ किया। फिर भी, शेफाली ने भी कभी हार नहीं मानी।
इसके अतिरिक्त, लड़कों के साथ खेलना और भी खतरनाक था। दरअसल, कई बार गेंद सिर पर लगी। हालांकि, हेलमेट भी टूट गया। फिर भी, शेफाली डरी नहीं। साथ ही, पिता भी चिंतित रहते थे। लेकिन शेफाली का जुनून इतना मजबूत था कि कोई उन्हें रोक नहीं सका। इसलिए, आज वे पूरे भारत की प्रेरणा हैं।
शेफाली वर्मा का व्यक्तित्व बहुत सरल और विनम्र है। दरअसल, इतनी सफलता के बाद भी वे जमीन से जुड़ी हैं। हालांकि, मैदान पर उनका स्वभाव बिल्कुल अलग है। फिर भी, बाहर वे बहुत शांत रहती हैं।
वास्तव में, शेफाली छोटे शहरों की लड़कियों के लिए बड़ी प्रेरणा हैं। इसके अलावा, उनकी कहानी बताती है कि सपने पूरे हो सकते हैं। साथ ही, समाज की बाधाओं को पार किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए दृढ़ संकल्प चाहिए। फिर भी, शेफाली ने साबित किया कि कुछ भी असंभव नहीं है।
इसके अतिरिक्त, शेफाली अपने परिवार को सबसे ज्यादा महत्व देती हैं। दरअसल, हर सफलता का श्रेय वे अपने पिता और कोच को देती हैं। हालांकि, उनकी अपनी मेहनत भी बहुत है। फिर भी, वे हमेशा विनम्र रहती हैं। इसलिए, लोग उन्हें व्यक्ति के रूप में भी पसंद करते हैं।
शेफाली वर्मा का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। दरअसल, अभी वे सिर्फ 21 साल की हैं। हालांकि, पहले ही इतना कुछ हासिल कर चुकी हैं। फिर भी, उनका सफर अभी लंबा है।
वास्तव में, शेफाली का लक्ष्य भारतीय महिला टीम की भविष्य की कप्तान बनना है। इसके अलावा, वे और अधिक मैच जीतना चाहती हैं। साथ ही, अपने खेल को लगातार बेहतर बनाना चाहती हैं। हालांकि, वे जानती हैं कि अभी बहुत कुछ सीखना है। फिर भी, उनका आत्मविश्वास बहुत मजबूत है।
इसके अतिरिक्त, शेफाली चाहती हैं कि छोटे शहरों की और लड़कियां भी क्रिकेट खेलें। दरअसल, वे खुद उदाहरण बनना चाहती हैं। हालांकि, यह आसान नहीं होगा। फिर भी, शेफाली की कहानी से लाखों लड़कियां प्रेरित हो रही हैं। इसलिए, भविष्य में भारतीय महिला क्रिकेट और भी मजबूत होगा।
शेफाली वर्मा की कहानी साहस और दृढ़ संकल्प की कहानी है। दरअसल, रोहतक के छोटे शहर से भारतीय टीम तक पहुंचना बहुत कठिन था। इसके बाद, लड़के के वेश में खेलना और समाज की आलोचना सहना भी आसान नहीं था। हालांकि, शेफाली ने कभी हार नहीं मानी। फिर भी, हर बाधा को पार किया।
वास्तव में, शेफाली ने साबित किया कि लड़कियां भी क्रिकेट में महान बन सकती हैं। इसके अलावा, 2025 विश्व कप जीतना उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है। साथ ही, टेस्ट में दोहरा शतक और अंडर-19 विश्व कप जीतना भी शानदार है। हालांकि, उनकी असली ताकत उनका संघर्ष है। फिर भी, वे हमेशा विनम्र रहती हैं।
आज शेफाली वर्मा भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे बड़ी सितारा हैं। हालांकि, अभी उनका सफर शुरू ही हुआ है। साथ ही, आगे और बड़ी उपलब्धियां इंतजार कर रही हैं। दरअसल, शेफाली सिर्फ क्रिकेटर नहीं, बल्कि लाखों लड़कियों की आवाज हैं। इसलिए, वे हमेशा भारतीय खेल इतिहास में याद की जाएंगी। वास्तव में, शिफू का सितारा चमकता रहेगा!
शेफाली वर्मा। हालांकि, सब उन्हें प्यार से शिफू कहते हैं।
दिसंबर 2025 तक 21 वर्ष। दरअसल, जन्म 28 जनवरी 2004 को हुआ।
रोहतक, हरियाणा। वास्तव में, एक छोटा शहर जहां से उन्होंने संघर्ष किया।
क्योंकि रोहतक में लड़कियों के लिए क्रिकेट अकादमी नहीं थी। इसलिए, उन्हें लड़कों के साथ खेलना पड़ा।
सचिन तेंदुलकर से। दरअसल, 2013 में उन्हें लाइव देखकर क्रिकेटर बनने का सपना देखा।
24 सितंबर 2019। हालांकि, उस समय वे सिर्फ 15 साल की थीं।
टेस्ट में 205 रन का दोहरा शतक। साथ ही, तीनों प्रारूपों में सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी।
84 रन। वास्तव में, उन्हें फाइनल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी चुना गया।
दिल्ली कैपिटल्स। दरअसल, 2 करोड़ रुपये में खरीदी गईं।
6। हालांकि, यह उनका खास नंबर है।
संजीव वर्मा। वास्तव में, उन्होंने शेफाली के सपने के लिए सब कुछ किया।
अश्विनी कुमार। दरअसल, उन्होंने शेफाली की प्रतिभा पहचानी और निखारा।
2023 में। साथ ही, वे कप्तान भी थीं। फिर भी, पहली बार में ही जीत गईं।
बहुत आक्रामक। इसलिए, पहली ही गेंद से हमला करती हैं।
2221 रन (91 मैच में)। हालांकि, अभी और बढ़ेंगे।
शानदार। दरअसल, वे नंबर 1 टी20 बल्लेबाज थीं। फिर भी, भारत फाइनल हार गया।
सबसे युवा भारतीय टी20 अर्धशतक। वास्तव में, 2019 में यह उपलब्धि हासिल की।
समाज की आलोचना, लड़कों के साथ खेलना, चोटें। फिर भी, कभी हार नहीं मानी।
निडरता और आत्मविश्वास। साथ ही, कभी हार न मानने का जज्बा।
भारतीय महिला टीम की कप्तान बनना। दरअसल, और अधिक मैच जीतना चाहती हैं।